मेरे देश में सुकून बिखर गया…
जात-पात के मोह में पड़ कर टूट गया…
ये कैसा दौर आ गया…
भाई भाई का दुश्मन हो गया…
देश में हर ओर राजनीति गरमाई है…
देश भक्ति भी अब सिर्फ एक दल में समाई है…
गाँधी जी आज जिंदा होते तो क्या कहते…

ये मेरा वही देश है जो अंग्रेजों से आज़ाद हुआ था…
जब सुनहरे भारत का एक सपना देखा था…
जो हिंसा को छोड़ अहिंसा के रास्ते पर चला था…
अंग्रेजों से आज़ाद होने के बाद हम अपनों के गुलाम हो गए…
धर्म-जाति में पड़ कर हम नाकाम हो गए…
हिंदुस्तान सबका था अब एक धर्म का कैसे होने लग गया है…
मेरा भारत बदल गया है… मेरा भारत बदल गया है…
मेरा भारत बदल गया है… मेरा भारत बदल गया है…
अनीश मिर्ज़ा