यही ताकत… यही हिम्मत है…
तकदीर भी यही… यही किस्मत है…
कहूँ इसे इबादत… है खूब ये आदत…
उठ चल आगे बढ़… दूर तलक निकल…
उजला है बसेरा… कल होगा सुनेहरा…
मनफी सोच को छोड़ दे कहीं…
जो लोग कहें कहने दें…
उनकी बातों का ना पड़े कोई असर…
बस रख मंजिल पे नज़र…
कर जी तोड़ मेहनत कसरत…
तब होगी हरकत में बरकत…
तब होगी हरकत में बरकत…
तब होगी हरकत में बरकत…
अनीश मिर्ज़ा