Sabka Aik Bhaijaan:
Sabka Aik Bhaijaan: सबका एक भाईजान की इस कड़ी में आज हम ऐसे भाईजान की ज़िंदगी से आपको रूबरू करवाएंगे. जिन पर Simple Living high thinking की quotation बहुत खूब फब्ती है. हम बात कर रहे हैं नवीन शर्मा की जो यूं तो हिमाचल के कुल्लू जिला से तालुक रखते हैं. लेकिन बच्चपन से जवानी तक उनकी अधिकांश पढ़ाई जिला चंबा से ही हुई है. जिससे उन्हें खूबसूरत शहर चंबा से गहरा लगाव भी है.
बच्चपन से ही नवीन काफी शांत स्वभाव के थे. अक्सर वो तन्हा रहना पसंद करते थे. लेकिन मन ही मन वो एक बड़े सपने को भी अपने अंदर बुन रहे थे. नवीन के अंदर अपने देश की प्रति सेवा भाव के चलते उन्होंने बारहवीं के बाद जी तोड़ मेहनत कर NDA का Exam दिया. मगर दुर्भाग्यवश नवीन उसमें सफल नहीं हो पाए. लेकिन उन्होंने निराशा का दामन नहीं थामा और उन्होंने इसी बीच B.SC में दाखिला ले लिया.
हर किसी को किसी ना किसी काम का शौक और जूनून ज़रूर होता है. नवीन को भी मैथ सब्जेक्ट से अजीबोगरीब मोहब्बत थी. मैथ के सवालों को हल करना उनके दिल को सुकून देता था. B.SC 2nd Year में कुछ ऐसा हुआ के सब classmates हैरान रह गए. दरासल नवीन B.SC 2nd Year में फेल हो गए थे. इसके बावजूद नवीन मैथ सब्जेक्ट के Topper थे. इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नवीन को मैथ से कितनी मोहब्बत थी. इसके साथ ही कॉलेज के ही दिनों में नवीन का hidden टैलेंट शायरी और Poetry के रूप में सामने आ रहा था. नवीन बताते हैं कि वो अपने अंदर के समंदर को कागज़ पे कुरेद कर जज़बातो को पिरो देते हैं. इसके साथ ही खुद की तलाश में मैडिटेशन और ध्यान की ओर भी नवीन बेहद मुतासिर हुए थे.

इसके बाद M.sc के लिए नवीन देहरादून चले गए. वहां उनके हुनर को नए पंख मिल गए. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय विद्यालय का exam भी क्लियर कर दिया. लेकिन M.sc मुकम्मल ना होने की वजह से वो जा नहीं पाए. इसके बाद उन्होंने मन ही मन टीचिंग profession में career बनाने का सोच लिया था. तकरीबन एक साल तक शिमला में कठोर मेहनत की और अंत में वो TGT मैथ हिमाचल में सफल हो कर पांगी में post हुए.

पांगी में उनके photography टैलेंट का भी आगाज़ हुआ. इसके साथ ही उन्होंने स्कूल के बच्चों को एक अलग अंदाज़ में पढ़ाने का काम शुरू किया. नवीन बताते हैं कि बच्चों का पढ़ाई में मन बनाने के लिए वो क्लास में पढ़ाई से पहले सभी बच्चों को एक घंटे तक Game खिलाते थे. जिसके बाद बच्चे पढ़ाई में काफी रुची लेने लगे थे.लगभग दो तीन साल पांगी में जॉब के बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी. इस दौरान उनकी केन्द्रीय विद्यालय असम में PGT physics में भी सिलेक्शन हो गयी.
आज कल नवीन केन्द्रीय विद्यालय उतरकाशी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नवीन बताते हैं कि वो आने वाले समय में किसी गांव में जा कर निशुल्क शिक्षा देने का इरादा रखते हैं. जिससे गरीब लोगों को बेहतर शिक्षा मिल सके. उनकी यही सोच उन्हें एक भाईजान बनाती है. Bhaijaan बोले तो लीडर. लीडर लीडर बनने के लिया आपका टीवी पर आना ज़रूरी नहीं ना ही अखबार में फ़ोटो आना लाज़मी है.लीडर हर कहीं लीडर होता है. तो ये थे हमारे आज के Sabka एक Bhaijaan.
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