Bhaijaan ka Gyaan- इस्लाम धर्म अरबी भाषा के सलाम और सलम शब्द से निकला है जिसका मतलब अमन और शांति है. या यूँ कहें उस रब की रज़ा के लिए तमाम इंसानों को सुकून पहुँचाने का नाम भी इस्लाम है. इस्लाम धर्म के आखरी पैगंबर मुहम्मद (सल्ल ला हु आलेही वसलम) ने यही तालीम दी है. इस्लाम कोई नया धर्म नहीं है बल्कि कुरान ईश्वरीय कानून का आखरी पैगाम है. जो समस्त इंसानियत के लिए है. इससे पहले भी कई पैगंबर अपने अपने दौर में इंसानियत की हिदायत के लिए इस धरती पर भेजे गए थे. जिनका मकसद रब के हुकुम से इस ज़मीन पर ईश्वरीय कानून को लागू करवाना था. इस्लाम सही मायने में सच्चा धर्म है. वहीं कुछ लोग इस्लाम जैसे धर्म को आतंकवाद से जोड़ते हैं जो सरासर गलत है. अगर कुरान की सुराह बकराह की आयत -11 पर गौर करें तो उसमें साफ़ अल्फाज़ों में लिखा गया है कि ज़मीन में फ़साद(आतंक) मत फैलाओ.आतंकवाद इस्लाम के खिलाफ है ये इस्लाम नहीं है. जो इस्लाम को बदनाम करके आतंकवाद का सहारा लेते हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
इस्लामिक उपदेशक डॉ ज़ाकिर नाइक भी लोगों को सही इस्लाम की शिक्षा दे रहे थे. अगर उनके lectures पे गौर किया जाये तो उनका एक भी lecture आतंकवाद को बढ़ावा देने में कोई समर्थन देता नहीं दिखाई देगा. लेकिन फिर भी उन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के गलत आरोप भारत सरकार द्वारा लगे. पर हर बार डॉ ज़ाकिर नाइक के खिलाफ भारत द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के अनुरोध को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (इंटरपोल) द्वारा ठुकरा दिया गया. न्यूज़ एजेंसी पत्रिका पर छपी खबर के मुताबिक, इंटरपोल ने अपने सभी कार्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इस संबंध में आई सभी फाइलों और सूचनाओं को नियमित कामकाज से हटा दें. इंटरपोल ने भारत को बताया कि उसने कुछ साल पहले भारत छोड़कर मलेशिया में रह रहे डॉ ज़ाकिर नाइक के खिलाफ सबूतों की कमी और किसी भी तरह का गलत कृत्य साबित न होने के कारण नोटिस जारी नहीं करने का फैसला किया है.इंटरपोल के प्रवक्ता ने इस संबंध में आधिकारिक पत्राचार भी प्रेस के साथ साझा किया. इंटरपोल ने 1-5 जुलाई, 2019 को आयोजित 109 वें सत्र के दौरान अपना निर्णय लिया. इसके बाद इसके जनरल सेक्रेटरी ने 15 जुलाई, 2019 को इंटरपोल के कमीशन फॉर फाइल्स के एक पत्र के अनुसार नाइक से संबंधित सभी डेटा को हटाने का फैसला किया.यह तीसरा मौका है जब इंटरपोल ने ज़ाकिर नाइक के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया है.भारत ने 2017 के मध्य में नाइक के खिलाफ पहली बार इंटरपोल में अपील की थी.बता दें कि गृह मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार ने नवंबर 2016 में डॉ ज़ाकिर नाइक और उनके संगठन – इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर प्रतिबंध लगा दिया था.