Tibb-E-Nabawi: Tibb-E-Nabawi के इस पहले segment में हम आपको पहले ये बता देते हैं कि तिब्बे नबवी का मतलब क्या होता है. इस्लाम धर्म में पैगंबर मुहम्मद द्वारा बताये गए बिमारियों के इलाज को तिब्बे नबवी कहा जाता है. तिब्बे नबवी में हर बीमारी के लिए शिफ़ा है.
आज तिब्बे नबवी में हम हिजामा के बारे में बात करेंगे. 1400 साल पहले पैगंबर मुहम्मद को अल्लाह ने मेराज के मौके पर हिजामा के बारे में बताया था. अल्लाह ने आपको बताया सबसे बेहतरीन इलाज हिजामा करवाना है. आज के आधुनिक युग में हिजामा को Cupping थेरेपी के नाम से जाना जाता है. जिसका UK, America, चीन और जापान में भी काफी चलन है. बड़े बड़े कारोबारी और अदाकार अपनी त्वचा को अच्छा दिखने के लिए भी हिजामा का सहारा लेते हैं.

हिजामा या cupping therapy दो तरह की होती है. एक सूखा (Dry) हिजामा होता है जिसमें खून नहीं निकलता है और दूसरा wet हिजामा कहलाता है. जिसमें cup लगा कर surgical ब्लेड से हलके हलके डॉट लगाये जाते हैं. जो शरीर से दूषित खून चूस कर बाहर निकालता है. क्योंकि हर बीमारी खून में ही पायी जाती है लिहाज़ा खून निकलने से बीमारी दूर होती है. हिजामा का इस्तेमाल बिमारी के हिसाब से करना काफी फायदेमंद रहता है.

ये Cup सर से पांव तक शरीर के points हिस्सों पर लगाये जाते हैं. लेकिन घुटनों की हड्डी गर्दन के पीछे गुद्दी पर cup लगाने से डॉक्टर मनाह करते हैं. लिहाज़ा इन जगहों पे कप नहीं लगाना चाहिए.
इसके अलावा तिब्बे नबवी के भी कुछ उसूल हैं. वैसे तो हिजामा बहुत से लोगों द्वारा किया जाता है. जिनका मकसद सिर्फ पैसे कमाना होता है और वो सफाई-सुथराई का ध्यान भी कम रखते हैं. ऐसे में किसी professional डॉक्टर से ही हिजामा करवाना चाहिए जो सफाई-सुथराई का ध्यान रखता हो. क्यूंकि खून से कई तरह की बीमारियाँ फैलती है जिनमें Hepatitis aids वगेरह शामिल है. तो हिजामा हमेशा डॉ से करवाना चाहिए जो इसमें माहिर भी हो.
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